विशेष प्रकार की कंक्रीट
विशेष प्रकार की कंक्रीट
(1) - उच्च भार वाली कंक्रीट
(२) - कम भार वाली कंक्रीट
(३) - उच्च सामर्थ्य कंक्रीट
(४) - पूर्व-पैक कंक्रीट
(५) - पॉलिमर कंक्रीट
(६) - रेशा प्रबलित कंक्रीट
(७) - रेडी मिक्स कंक्रीट (RMC)
(८) -प्रबलित सीमेंट कंक्रीट
(1) उच्च भार वाली कंक्रीट
ऐसी कंक्रीट जिसका यूनिट भार 30 किलो न्यूटन / घन मीटर से 64 किलो न्यूटन/ घन मीटर होता है ,ऐसी कंक्रीट को उच्च भार वाली कंक्रीट कहते हैं ।इस प्रकार की कंक्रीट के लिए उच्च विशिष्ट गुरूत्व वाला मोटा मिलावा इस्तेमाल किया जाता है।इस कंक्रीट मे मोटे मिलावे के रूप में मैग्नेटाइट ,हेमेटाइट को उपयुक्त माप में तोड़कर प्रयोग किया जाता है।
उच्च भार वाली कंक्रीट गमा किरणों को काफ़ी हद तक अवशोषित कर लेती है,इसी कारण इसका प्रयोग नाभिकीय रियक्टर मे किया जाता है.
(२) - कम भार वाली कंक्रीट
सामान्य कंक्रीट (24 kN / m3) की तुलना में हल्के वजन वाले कंक्रीट का वजन हल्का होता है (1.6 kN / m3 से 22 kN / m3)। इस कंक्रीट का इकाई भार ,सामान्य कंक्रीट से काफी कम होता है कम भार वाली कंक्रीट उपरी फर्शो के भराव के लिए और पर्दा दीवारों में डाली जाती है ताकि संरचना पर अचल भार कम से कम रखा जा सके ।
(३) - उच्च सामर्थ्य कंक्रीट
ऐसी कंक्रीट जिसकी संपीड़न सामर्थ्य 40 M pa से अधिक होती है ,उसे उच्च सामर्थ्य कंक्रीट कहते है।उच्च सामर्थ्य वाली कंक्रीट एक नियंत्रित कंक्रीट है, क्योंकि इसके संघटको के चयन , मिश्रण ,बिछाने ,कूटने ,तराई सभी कार्यों पर पूर्ण तकनीकी नियंत्रण रखा जाता है।
४) - पूर्व-पैक कंक्रीट
इस प्रकार की कंक्रीट बनाने के लिए पहले केवल मोटा मिलावा बिछाकर अच्छी तरह कूट दिया जाता है इसके बाद इस मिलावा मे सीमेंट बालू मसाले का घोल 2.5 से 3.5 kg/cm2 के दाब पर भर दिया जाता है ,जो इसके रंध्रों मे घुस जाता है।इसमें सीमेंट- बालू का अनुपात 1:1.5 से 1:4 रखा जाता है।जल सीमेंट का अनुपात 0.45 लिया जाता है।
ये कंक्रीट ऐसी जगह डाली जाती है जहा पर सामान्य प्रकार से कंक्रीट ना डाली जा सके।
इस प्रकार की कंक्रीट टूट - फुट की मरम्मत के लिए भी अपनाई जाती है ।
(५) - पॉलिमर कंक्रीट
पॉलिमर कंक्रीट को सादी कंक्रीट के रूप में भी जाना जाता है। यह एक मिश्रित सामग्री है जिसमें बाइंडर में सिंथेटिक कार्बनिक बहुलक होते हैं। पॉलिमर कंक्रीट में 5 से 10% पॉलिमर बाइंडर होते हैं,
कंक्रीट की सरंधता हटाने के लिए इसके कुछ पदार्थो के एकाकी अणुओं से गर्भित करके उसका बहुलिकरण किया जाता है।तब उसे पॉलिमर कंक्रीट कहते है ।पॉलीमर कंक्रीट की सामर्थ्य 140 N/mm2 तक होती है।
(६) - फाइबर प्रबलित कंक्रीट
रेशा कंक्रीट वो कंक्रीट होती है जिसमे कुछ पदार्थो के रेशे डाल कर उसकी तनन सामर्थ्य को सही किया जाता है।हम जानते है कि सादी कंक्रीट की तनन सामर्थ्य बहुत कम होती है ,जिससे कंक्रीट में सूखने के बाद दरारे पड़ जाती है ।और जब इन दरारो के ऊपर भार आता है,तो ये दरारे और खुल जाती है जिससे कंक्रीट की सामर्थ्य कम हो जाती है ।
कंक्रीट में यह दरारें रोकने के लिए कुछ पदार्थो के महीन रेशे डाले जाते है सामान्यतः इस्पात, एस्बेस्टस , पोलिप्रोपिलिरें , नायलॉन , नारियल, कांच आदि पदार्थो के रेशे डाले जाते है।
(७) - रेडी मिक्स कंक्रीट (RMC)
इस प्रकार की कंक्रीट बैचिंग प्लांट में बनाई जाती है।इस प्रकार की कंक्रीट के घटकों को भार के आधार पर लिया जाता है। प्लांट में कंक्रीट की गुणवत्ता से संबंधित सभी संसाधन उपलब्ध कर लिए जाते है और कंक्रीट को तकनीकी देखभाल मे तैयार की जाती है।तैयार कंक्रीट को निर्माण स्थल तक ट्रक अथवा अन्य वाहन से भेजा जाता है।मार्ग में इसे सेट होने से रोकने के लिए वाहन मे विलोड़क लगाया जाता है,इस प्रकार की कंक्रीट को रेडी मिक्स कंक्रीट कहते है । जब कंक्रीट मिश्रण चलते ट्रक मे तैयार किया जाता है ।तो इसे प्रगमन मिश्रित कंक्रीट (transit mixed concrete) कहते है।
(८) -प्रबलित सीमेंट कंक्रीट
जब कंक्रीट के अंदर इस्पात की छडे लगा दी जाती है ,तो ऐसी कंक्रीट को प्रबलित कंक्रीट कहते है ।कंक्रीट की तनन सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए ऐसा किया जाता है।इस प्रकार की कंक्रीट मे संपीड़न सामर्थ्य के साथ साथ तनन सामर्थ्य भी अच्छी हो जाती है।जिससे इस प्रकार की कंक्रीट ऐसी जगह पर भी प्रयोग किया जा सकता है जहा तनन सामर्थ्य अधिक हो ।इस प्रकार की कंक्रीट क प्रयोग धरनो, लिंटल , छज्जों, स्लैबो ,स्तम्भो और दीवारों में किया जाता है।
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