मृदा की धारण क्षमता ( Bearing capacity of soil)
मृदा के इकाई क्षेत्रफल पर लगने वाला वो अधिकतम भार जो मिट्टी बिना असफल हुए आसानी से वहन कर लेती है।मृदा की भार धारण क्षमता कहलाती है।
चरम धारण क्षमता (Ultimate bearing capacity)
नींव के आधार तल पर मृदा के इकाई क्षेत्रफल पर पड़ने वाला वो कम से कम भार जिस पर मृदा विफल हो जाती है। उसे मृदा की चरम धारण क्षमता कहते है।
सुरक्षित धारण क्षमता ( safe bearing capacity)
मृदा बिना अपरुपण मे फेल हुए जिस अधिकतम भार को वहन करने की क्षमता रखती ,उसे मृदा की सुरक्षित धारण क्षमता कहते है।
सुरक्षित धारण क्षमता = चरम धारण क्षमता /सुरक्षा गुणांंक
सुरक्षा गुणांंक का मान 3-5 के बीच होता है।
स्वीकार्य धारण दाब (Allowable bearing capacity)
मृदा पर पड़ने वाला वह दाब तीव्रता जो अपरुपण और व्यवस्थापन दोनों मे सुरक्षित हो, वह स्वीकार्य धारण दाब कहालता है।
धारण क्षमता ज्ञात करने की विधियां
1- भवन कोड द्वारा
2- टेरजगी के समीकरणों की गणना के द्वारा
3- स्थलीय परीक्षण द्वारा
1- भवन कोड द्वारा
मृदाओं और चट्टानों की सुरक्षित धारण क्षमता को IS 1904-1961 मे तालिका संख्या 10.2 मे दर्शाया गया है।इसके द्वारा प्राप्त धारण क्षमता बहुत ही अविश्वसनीय होती है।इसी कारण इस विधि का प्रयोग केवल छोटे कार्यों और कम महत्व वाले कार्यों में ही किया जाता है।
2- टेरजगी के समीकरणों की गणना के द्वारा
Strip footings:
Qu = c Nc + γ D Nq + 0.5 γ B Nγ
Square footings:
Qu = 1.3 c Nc + γ D Nq + 0.4 γ B Nγ
Circular footings:
Qu = 1.3 c Nc + γ D Nq + 0.3 γ B Nγ
मृदा की धारण क्षमता को प्रभावित करने वाले कारक
1- मृदा का आकार
2- मृदा का गुण
3- नींव का आकार
4- भूमिगत जल स्तर
5- संरचना की दृढ़ता
6- व्यवस्थापन की दर
7- नींव की भौतिक विशेषता
(1)- मृदा का आकार
मृदा की धारण क्षमता मृदा के प्रकार पर निर्भर करती है।मृदा के प्रकार के आधार पर मृदा की धारण क्षमता भिन्न भिन्न होती है ।जो टर्जगी के समीकरण द्वारा स्पष्ट होती है।
Qu = c Nc + γ D Nq + 0.5 γ B Nγ
(1) मृदा के गुण
मृदा के गुण जैसे घनत्व, पारगम्यता, शक्ति आदि मृदा की धारण
क्षमता को प्रभावित करते है।
(2) नींव का प्रकार
नींव का प्रकार भी मृदा की धारण क्षमता को प्रभावित करता है।
(3) भूमिगत जल स्तर
भूमिगत जल स्तर की स्थिति के बदलाव के कारण भी मृदा की धारण क्षमता प्रभावित होती है।
(5 )संरचना की दृढ़ता
यदि संरचना मे प्रयोग होने वाले पदार्थ दृढ़ है।तो संरचना मे बैठाओ कम होगा ।जिससे कम धारण क्षमता वाली मृदा भी फेल नहीं होती है।
(6)व्यवस्थापन की दर
संरचना व्यवस्थापन की दर भी धारण क्षमता को प्रभावित करती है।यदि व्यवस्थापन की दर अधिक है तो धारण क्षमता कम हो जाएगी।
(7)नींव की भौतिक विशेषताएं
नींव की चौड़ाई ,गहराई ,और आकार भी मृदा की धारण क्षमता को प्रभावित करते है।
https://generalawareness2222.blogspot.com/2021/03/test-of-soil.html
https://generalawareness2222.blogspot.com/2021/02/deep-foundation.html
https://generalawareness2222.blogspot.com/2021/02/part-1.html
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